Wednesday, January 31, 2024
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Pandit ji Joke - Maithili Samachar

मैथिली किस्सा – पंडीजी के मजाक

मैथिली किस्सा: हमरा गाम मे एगो पंडीजी छलाह, ओ एतेक मजाकिया छला जुनि पुछू। मजाक करै मे दूर-दूर तक हुनक चर्चा होइ छन्हि। सच पुछू तँ मजाक करै मे ओ किनको नञि छोड़ैत छथिन्ह। एक दिनक बात छल हुनक अर्धांग्नी (पंडीतैन) हुनका कहलखिन अहाँ सभसँ मजाक करै छी, एत धरि जे

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Gonu Jha and Barber - Maithili Samachar

मैथिली किस्सा – गोनू झाक माछ आ नौआ

मैथिली किस्सा: गोनू झा एकबेर बहुत दिनक बाद अपन जजमनिकासं घुरल आबैत छलाह। बाटमे हाट देखि ठमाकि गेलाह। माछक बाजार मे माछक अम्बार देखि मोन पनिया गेलनि। बटुआ टोलनि। भरल छलनि। जजमान कयनहुरहनि बेस बिदाइ। कराचुर एक मासक बिदाइ रहनि बटुआमे। चट अपन पसिन्नक रोहु माछ तौलबाक हेतुमलाहकेँ कहलनि। जीबैत

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andher nagari chaupat raja

मैथिली किस्सा – ‘अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी टके सेर खाजा’

मैथिली किस्सा: एक समयक बात अछि, कोशी नदीके किनारे एगो गुरु अपन चेला चिंतामणि के संग कुटिया बना के रहय छैलैथ। एक दिन गुरु आ चेला दुनु गोटे तीर्थयात्रा पर निकललाह। बहुत दूर चलला पर दुनू गोटे एगो अनजान नगर में पहुँचलाह। नगर पहुँचला पर एगो बगीचा में खोपड़ी बना के

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बगिया के गाछ, Bagiya Tree Maithili Story (Maithili Samachar)

मैथिली किस्सा – “बगिया के गाछ”

मैथिली बाल कहानी : एकटा मसोमात छलीह आ’ हुनका एकेटा बेटा छलन्हि। ओ’ छल बड्ड चुस्त-चलाक। एक दिनुका गप अछि। ओ स्त्री जे छलीह, अपना बेटाकें बगिया बना कए देलखिन्ह। ओहि बालक केँ बगिया बड्ड नीक लगैत छलैक। से ओ’ एहि बेर ओ’ एकटा बगिया बाड़ीमे रोपि देलक। ओतए बगिया

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Gonu Jha Bull Stories - Maithili Samachar

मैथिली किस्सा – गोनू झाक बरद

मैथिली किस्सा : गोनू झाक एक बेर माल-जालक हाट गेलाह तथा ओत सं नीक बरद किनने अयलाह। पैसाक किल्लति रहिन तें एकटा किनलनि। गोनू झा सोचलनि जे पाइ होयत तं जोड़ा लगा लेब। एहि वर्ष ककरो संग भजैती क लेब। यैह सभ सोचैत गोनू झा गाम दिस आबि रहल छलाह।

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मैथिली किस्सा - गोनू झाक पुरस्कार (Maithili Samachar)

मैथिली किस्सा – गोनू झाक पुरस्कार

मैथिली किस्सा : मिथिला दरबार प्रवेश द्वार पर नियुक्त एकटा द्वारपाल अत्यधिक लोभी आ घुसखोर छल। प्रायः दोसरे-तेसरे गोनू झाकेँ किछु-ने-किछु पुरस्कार भेटैत छलनि आ से देखि ओही द्वारपालकेँ करेज फाटय लगैक। ओ सदिखन मनमे यैह योजना बनाबय जे कोहुना गोनू झा केँ फेरमे देल जाय, जाहिसँ प्राप्त पुरस्कारक किछु

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मैथिली किस्सा - गोनू झा के माँ कालीक साक्षात दर्शन (Maithili Samachar)

मैथिली किस्सा – गोनू झा के माँ कालीक साक्षात दर्शन

मैथिली किस्सा : मिथिलामे माँ काली शक्तिक अवतार मानल जाइत छथि। गोनू झा हुनकहि उपासक छलाह। हुनक उपासना कयलाक बादहि ओ कोनो आन काज करैत छलाह। तेँ हुनका प्रत्येक काजमे सफलता भेटैत छलनि। एक दिन गोनू झा निशचय कयलनि जे, जेना हो, माँ कालीक दर्शन कायल जाय। एहि लेल ओ निरन्तर

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मैथिली किस्सा – ‘गोनू झा’ के स्वर्ग से बजाहट

मैथिली किस्सा – ‘गोनू झा’ के स्वर्ग से बजाहट

मैथिली किस्सा : गोनू झा एकटा राजाक दरबारी रहथि। ओ बहुत चतुर छलथि आओर राजाक राज-काज मे मदद करैत छलथि आओर हुनकर खूब मनोरंजन करैत छलथि। राजा हुनका बहु मानैत छलथिन्ह संगहि आओर लोक सेहो खूब मानैत छलैन्ह। गोनू झाक उन्नति देखि क सभ दरबारी डाह करैत छल आओर हुनका मिटा देबाक

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