मैथिली किस्सा – ‘गोनू झा’ के स्वर्ग से बजाहट
मैथिली किस्सा : गोनू झा एकटा राजाक दरबारी रहथि। ओ बहुत चतुर छलथि आओर राजाक राज-काज मे मदद करैत छलथि आओर हुनकर खूब मनोरंजन करैत छलथि। राजा हुनका बहु मानैत छलथिन्ह संगहि आओर लोक सेहो खूब मानैत छलैन्ह। गोनू झाक उन्नति देखि क सभ दरबारी डाह करैत छल आओर हुनका मिटा देबाक
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