मजेदार मैथिली चुटकुला – ललित भाय (फोन पर) : गोर लागै छी गुरु जी ! चिनहलयै कि नै ?? हम ललित बैज रहल छी।
गुरु जी : अरे ललित ! कि हाल चाल रौ। आय केना मन परलियौ एते साल क बाद।
…और हम्मर फोन नम्बर केना भेटलौ।
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ललित भाय : गुरु जी फोन नम्बर ताकनै कोन बरका बात छलै। जब प्यासे को प्यास लगती है तो , जलस्रोत ढुढ ही लेते है।।
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दरअसल गुरु जी हम एगो नया रोजगार सुरु केलौ हन।.. और अहा बचपन म्अ कहने छलयै जे, कोनो काम सुरु करिहे त्अ, हमरा स्अ उद्धघाटन जरुर करा लिहे।
ते हम चाहै छि जे, हम अप्पन काम क्अ उद्धघाटन अहि स कराबी।
गुरु जी (खुशी स) : बहुत बढिया वत्स! बाज कत्अ आबयौ उद्धघाटन क लेल।
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ललित भाय : गुरु जी अहा पुरना खंडहर लन, चैर लाख टका ल्अ क आइब जाउ।… अहा क्अ ”छोटुवा” हमरा कब्जा म्अ ये। आइय्ये स्अ ”अपहरण” क्अ धन्धा चालु केलौ त्अ, सोचलौ ”उद्धघाटन” अहा क्अ शुभ हाथ स होइ। 😜😜😷😷🙄🙄😜😜😜😜😚😚
मैथिली जोक्स – गोर लागै छी गुरु जी ! चिनहलयै कि नै ?
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