मैथिली किस्सा – गोनू झा के बंगौर के चोरी
मैथिली किस्सा - गोनू झा रहथि सतर्क आ बुद्धिमान लोक छलाह। अपन बुद्धिमत्ता आ विद्वताक बल पर ओ सदैव मिथिलाक राजदरवार में आदर पाबथि आ यदा-कदा इनाम सेहो। एक बेर गोनू झा बांगक खेती नीक जकाँ कयने रहथि। उपजा सेहो नीक भेलनि। ओकरा बेचि नीक पाइ सेहो अर्जित कयलनि। मुदा
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